अभियुक्त की पेशी के बाद मुकदमा कैसे चलता है?

अभियुक्त को शिकायत तथा अन्य दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करवाई जाती है

यदि आप किसी मामले में अभियुक्त है तो आप अधिकार के साथ पुलिस द्वारा अपने विरुद्ध न्यायालय में दाखिल की गई शिकायत या चलान या रिपोर्ट था उसके साथ संलग्न किए गए दूसरे कागजात की कॉपियां प्राप्त कर सकते हैं |यह कॉपी आपको निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है यदि कोई दस्तावेज अधूरा है उसमें कोई गलती है ,तो बिना देर किए तुरंत सही और फोन का पिया की मांग करें| शिकायत अभियोजन तथा उससे जुड़े समस्त महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कॉपी आपको उपलब्ध कराना मुकदमे की कार्यवाही का महत्वपूर्ण हिस्सा है ,सरकार पक्ष तथा पुलिस कोया कोया निशुल्क मुक्त देनी होती है|
Court order
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  अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय करना

किसी भी मामले में मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने से पहले न्यायालय अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय करता है ,न्यायालय शिकायतकर्ता व्यक्ति तथा उनके वकीलों को सुनने के बाद ही निर्णय लेता है ,कि अभियुक्त पर लगाए गए आरोप में से किन किन आरोप के तहत उसके विरूद्ध मुकदमा चलाया जाएगा |अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोप एक आरोपपत्र पर संक्षेप में लिखिए होते हैं| तथा उसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाता है, कि अभियुक्त ने कौन सा अपराध किया था| उसके विरुद्ध किन धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा| कुछ मामले में अभियुक्त पर आरोप लगाते समय सिर्फ नोटिस दिया जाता है इसका उद्देश्य अभियुक्त को  भी लोगों के बारे में सूचित करना है ,जिनके तहत उसके विरुद्ध मुकदमा चलाया जाएगा| ताकि सुनवाई के दौरान किसी प्रकार की हानि से टाला जा सके|
  आरोप पत्र को अभियुक्त के सामने पढ़ा जाता तथा उसे इसके बारे में विस्तारपूर्वक समझाया जाता है| आरोप तय होने के बाद अभियुक्त को बयान रिकॉर्ड किए जाते हैं, यह जानने के लिए कि वह जुर्म कुबूल करता है या मुकदमा लड़ना चाहता है|

अभियुक्त द्वारा अपराध को स्वीकार

यदि आपने आने के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लेते हैं ,तो न्यायालय आपको कानून  द्वारा तय सजा का फैसला सुना कर तुरंत मामले को समाप्त कर देता है|लेकिन ध्यान रहे कि अपराध को स्वीकार करना आपके स्वीक्षा अनुसार होना चाहिए था इसमें किसी तरह का दबाव , प्रलोभन ,धमकी या जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए|

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