What is CAA and CAB? नागरिकता संशोधन कानून को जाने विस्तार से

What is CAA and CAB?

भारतीय संसद में दिनांक 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन बिल CAB ( Citizenship Amendment Bill) पारित किया गया जिसमें इसके पक्ष में 125 मत पड़े और विपक्ष में 105 मत पड़े । इस विधेयक को राष्ट्रपति महोदय द्वारा 12 दिसंबर को मंजूरी भी दे दी गई। तभी से इसे CAA के नाम से जाना जाने लगा।  आपको बत दें जब संसद मे कोई बिल पास होता है तो राष्ट्रपति महोदय के मोहर के बाद वह कानून बन जाता है।  जैसे Citizenship Amendment Bill संसद में पास होने के बाद राष्ट्रपति महोदय के मोहर के बाद Citizenship Amendment Act बन गया।

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क्या होगा नया बदलाव 

Citizenship Amendment Act के लागू होने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगाला देश  के हिन्दु , ईसाई, सिख, पारसी बौद्ध और जैन धर्म के ऐसे लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में रह रहा है वे लोग भारत के नागरिक के पात्र माने जाएंगें और वे भारत के नागरिकता के लिए आवेदन दे सकेंग ।

नागरिकता कानून 1955 के द्वारा अवैध प्रवासी कौन ?

वैसे लोग जिन्होंने भारत में बिना कोई वैध दस्तावेज के प्रवेश किए है और रह रहे है या वैध दस्तावेज के प्रवेश तो किए है  परन्तु उस दस्तावेज के नियमों के अनुसार वापस नहीं हुआ और अवैध तरीके से भारत में रह रहा है वे लोग अवैध प्रवासी माने जाएंगे। 

क्यो हो रहा है CAA का विरोध 

Citizenship Amendment Act के लागू होने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगाला देश  के हिन्दु , ईसाई, सिख, पारसी बौद्ध और जैन धर्म के ऐसे लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में रह रहा है वे लोग भारत के नागरिक के पात्र माने जाएंगें । लेकिन इस कानून में इसलाम धर्म को शामिल नहीं किया गया है जिसके कारण इसका विरोध हो रहा। इस कानून को जहाँ भाजपा व उनके समर्थक ऐतिहासिक कदम बता रहा है। वही इसके विरोध करने वालों का कहना है कि इस कानून के तहत भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 का हनन हो रहा है।

क्या है अनुच्छेद 14 में

विधि के समक्ष समानता इसका अर्थ यह है कि किसी भी व्यक्ति विशेष या धर्म के नाम पर कानून बनाने में किसी भी प्रकार का भेद भाव नहीं किया जा सकता है।  साथ ही कानून के समक्ष सभी को एक समान संरक्षण प्राप्त होगा। 

CAA से किसे बाहर रखा गया है 

 इस कानून से असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड को बाहर रखा गया है। 

 CAA पर सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ 

Citizenship Amendment Act 2019 के लागू होते ही 59 याचिकाओ पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानूनी पर स्टे लगाने से साफ तौर पर मना कर दिया है।  कोर्ट ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है।  अब अगली सुनवाई 22 जनवरी 2020 को होगी। 

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