झुठी FIR से कैसे निपटे
कुछ लोग कुछ लोग आपसी मतभेद के कारण एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट, चोरी, हत्या या अन्य प्रकार का षड्यंत्र रचकर पुलिस में झूठा F.I.R लिखवा देते हैं। अक्सर ऐसे मामले में जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है वे पुलिस और कोर्ट के कानूनी झंझट में फंस जाते हैं और उनका पैसा और समय काफी बर्बाद होता हैं। इस परिस्थिति में जिसके ऊपर झूठा FIR दर्ज हुआ है उसको तुरंत पुलिस स्टेशन जाकर अपना पक्ष रखना चाहिए और पुलिस को वह सब सबूत दिखाना चाहिए जो आपकी बचाव कर सकें। यदि इसके बाद पुलिस आपकी बात मान लेती है तो उस झूठी FIR के अंदर एफआर लगाती है यानी False रिपोर्ट और उस व्यक्ति जिन्होंने आपके ऊपर झूठा FIR किया था उस पर आईपीसी का सेक्शन 182 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है और दोषी पाए जाने पर 6 महीना का सजा या जुर्माना हो सकता है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोनों सजाएं एक साथ भी हो सकता है।
झूठी FIR करने वाले पर कानूनी कार्रवाई
आपके ऊपर जो झूठा आरोप लगा और आपको जो परेशानी हुआ साथ ही आपके विरुद्ध कोई फ्यूचर में कभी झूठी FIR करने से पहले एक सौ बार सोचे इसके लिए आप उस व्यक्ति पर जिन्होंने आपको के ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज किया था सीआरपीसी के सेक्शन 211 के तहत केस फाइल कर सकते हैं। जिसमें झूठा FIR करने वाले व्यक्ति को 2 साल का सजा या जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ भी हो सकता है ।आपके ऊपर उन्होंने जितना गंभीर आरोप लगाया उसी के अनुसार उसको सजा भी होगा। उदाहरण के लिए यदि आप पर हत्या या इसी तरह का और भी कोई गंभीर आरोप लगाया था जिसमें आपको 7 साल या इससे ज्यादा का सजा हो सकता था तो इस परिस्थिति में उस व्यक्ति को 7 साल का सजा होगा।
पुलिस आपका नहीं सुने तो क्या करें
अब हमलोग बात कर लेते हैं कि आपने जो अपना बचाव पक्ष रखने के लिए पुलिस स्टेशन गए जब पुलिस आपकी बात नहीं मानती तो आप क्या करते । इस परिस्थिति में आप सीआरपीसी के सेक्शन 482 के तहत अपने खिलाफ की गई झूठी FIR को चैलेंज करते हुए वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। यदि आपके पास अपना बचाव के लिए कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग है या फिर कोई ऐसा सबूत जो आपका केस को मजबूत बना सके उसे आप प्रार्थना पत्र के साथ अटैच करके सबमिट करेंगे। इसके बाद आप अपने खिलाफ हो रही पुलिस कार्रवाई को रुकवा सकते हैं। इस तरह के मामले में जब तक हाईकोर्ट में मामला चलेगा तब तक पुलिस आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। यदि आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो गया है तो वह भी तुरंत खारीज हो जायेगा। यदि हाईकोर्ट का फैसला आपके पक्ष में आता है तो आप उस व्यक्ति के खिलाफ जिन्होंने आपके ऊपर झूठा FIR दर्ज किया था । उसके ऊपर आईपीसी के सेक्शन 500 के तहत मानहानि का दावा कर सकते हैं इसमें भी 2 साल का सजा और जुर्माना का प्रावधान है ।
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9 Comments
मेरी अपनी पत्नी के साथ कुछ आपसी मतभेद के चलते मारपीट व गाली-गलौज हुआ जिसके बाद मेरी पत्नी स्थानीय पुलिस चौकी पर जाकर मौखिक शिकायत दर्ज कराई। मुझे फोन काल द्वारा चौकी प्रभारी ने तलब किया। और शिकायत निवारण के आधार पर मेरे साथ मारपीट की व मुझसे लिखित माफीनामा लिया कि भविष्य में मैं अपनी पत्नी के साथ मारपीट व गाली-गलौज नहीं करूंगा। क्या मैं उस पुलिसकर्मी की कोई कानूनी कार्रवाई कर सकता हूं?
ReplyDeleteधन्यवाद!
जहाँ तक पति पत्नी का आपसी मतभेद का बाता है तो इसमें पुलिस को ये अधिकार है कि वो दोनों पक्षों को सुनने के बाद सहमति पत्र तैयार कर मामला को आपसी सहमति से हल करें। यहाँ पर आपका मामला को भी नियमानुसार हल किया गया है। अतः आप पुलिस अधिकारी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
DeleteMere kirayedar ne marpit ki hai jisme mere father ke sir se blood niklne laba wo behos ho gaye. Kya 307 ki dhara lagegi
ReplyDelete307 to nahi apply hogi sir....
DeleteBut aap IPC k sec. 325 or 326 k teht file kr sakte hai.....
Or if apk Kirayedar ka uddeshye tha ya plainig thi esa karne ki to han 307 lg skti h....but perhaps yh sab Heat D moment hua h to 308 bhinlg skti h....but death wagerah ka unka aim nhi tha to...
324 ya 325 pakki h....
Aapne Bahut achha jawab diya hai Thanks You.
DeleteHumare upar ek ladki ne rape case lgaya phir fesla karke mere pati ke saath rhne lgi phir dobaara six months baad 376 377 scst act lgaya wo bhi police investigation main jhutha nikla ab maanhani ka case karna chahti hu please help me
ReplyDeleteJi aap IPC ka section 182 , 211 , 499 & 500 ka Case file ker skte hai.
DeleteJameen bebad ma jhuthi fir Kar deya ha 323.341.354.pocsoact4/8 keya karu
ReplyDeleteJameen bebad ma juhota fir323,341,354, pocsoact 4 8 Kar deya ha medical report no injury ha ma keya karu
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