बलात्कार या रेप क्या हैं | धारा 375 क्या है | धारा 376 क्या है | झूठा बलात्कार केस होने पर क्या करें
आज हमलोग बहुत ही गंभीर विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं। आजकल बहुत जगह ऐसा भी देखने को मिला है कि कुछ असामाजिक तत्व किसी निर्दोष व्यक्ति के उपर बलात्कार का झुठा मुकदमा दर्ज करा देता हैं और निर्दोष व्यक्ति पुलिस और कोर्ट के कानून झंझट में उलझ जाता है और उसका समय, पैसा और इज्ज़त भी निलाम हो जाता हैं। आज के इस पोस्ट में हमलोगों चर्चा करेंगे कि बलात्कार करने पर कौन धारा लगता हैं और कितना सजा का प्रावधान है। साथ ही झूठा बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने बचने का कानूनी उपाय भी जानेगें।
सज़ा |
बलात्कार या रेप क्या हैं
कोई महिला के साथ बिना उसकी सहमती से यौन संबंध स्थापित करना बलात्कार या रेप कहलाता है। यदी कोई पुरुष किसी महिला के साथ उसका बिना सहमति से यौन संबंध स्थापित करने का प्रयास करता है और जोर जबरदस्ती करता है तो इसे भी बलात्कार का श्रेणी में रखा गया हैं। यदी कोई महिला का उम्र 18 वर्ष से कम है और उसके साथ कोई पुरुष उस महिला के अनुमति से यौन संबंध स्थापित करता है तो ये भी बलात्कार कहलाएगा। भारत में यदी कठोर से कठोर सजा का बात करें तो फाँसी का सजा सबसे कठोर सजा माना जाता हैं । भारत में बलात्कारी और रेप करने वाले के लिए फाँसी का सजा का प्रावधान किया गया है। बलात्कार और रेप करने पर भारतीय दंड संहिता का धारा 375, 376, 376 क, 376 ख, 376 ग , 376 घ लगता हैं।
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धारा 375 क्या है
जब कोई पुरुष किसी महिला के साथ बिना उसके सहमति के यौन संबंध स्थापित करता हैं या यौन संबंध स्थापित करने का प्रयास करता है यानी महिला के साथ ज़ोर जबर्दस्ती करता है या महिला को डराता धमकाता है, या किसी प्रकार का धोखा देकर यौन संबंध स्थापित करता है या किसी प्रकार का नशा करा कर बेहोश करने पर संबंध स्थापित करता है या महिला का उम्र 18 वर्ष से कम रहने पर उसके साथ यौन संबंध स्थापित करता है तो इसे बलात्कार या रेप कहा जाएगा। इस तरह के बलात्कार या रेप करने पर भारतीय दंड संहिता का धारा 375 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। यह बहुत ही गंभीर प्रवृत्ति का अपराध हैं। इस तरह के F.I.R दर्ज होते ही पुलिस तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लेती हैं। इस तरह के अपराध करने पर कम से कम सात साल का सजा व जुर्माना का प्रावधान किया गया है। यह गैर जमानती अपराध है इसमें जमानत नहीं मिल सकता हैं।
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धारा 376 क्या है
यदी कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ जोड़ जबर्दस्ती यौन संबंध स्थापित करता है और उस दौरान महिला के साथ मारपीट करता हैं या गंभीर रुप से या साधारण रुप से घायल कर देता हैं तो ऐसे परिस्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। यदी कोई व्यक्ति अपना पत्नी के साथ भी इस तरह से यौन संबंध स्थापित करता है तो इसे भी बलात्कार माना जाएगा। बलात्कार संज्ञेय अपराध के श्रेणी में आता है। ऐसे अपराध का पुलिस को सूचना मिलते ही तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लेता है। इस तरह के अपराध के लिए न्यूनतम 20 वर्ष का सज़ा व जुर्माना या मृत्यु दंड का सजा हो सकता है। इस तरह के अपराध करने पर आरोपी को जमानत नहीं मिल सकता हैं।
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झूठा बलात्कार केस होने पर क्या करें
जब भी किसी व्यक्ति पर झूठा बलात्कार या रेप का केस दर्ज होता हैं तो सबसे पहले उन्हें पुलिस से बचना चाहिए और न्यायालय में अग्रिम जमानत का गुहार लगाना चाहिए। वैसे तो बलात्कार या रेप का केस में न्यायालय से जमानत नहीं मिलता हैं लेकिन कुछ ऐसे भी तथ्य हैं जिसका उपयोग करके अग्रिम जमानत बहुत ही आसानी से लिया जा सकता हैं। यदी आपको ज़िला कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिले तो बिना देर किये हाई कोर्ट जाना चाहिये। यदी हाई कोर्ट से भी अग्रिम जमानत नहीं मिले तो सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिये। अग्रिम जमानत लेना उतना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है कि आपको सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़े। ज़िला कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने पर हाईकोर्ट से जरुर मिल जाएगा बल्कि आपका तथ्य मजबूत होना चाहिए।
अग्रिम जमानत कैसे मिलेगा जल्दी में
झूठा F.I.R से कैसे बचे
1 Comments
Thanks...
ReplyDeleteNext month se ye Website se backlink bhi bna skte hai. Wordpress pe Website sipt krenge.