आजके इस पोस्ट में हमलोग बात करेंगे कि पावर ऑफ अटार्नी क्या है? किन किन परिस्थितियों में पावर ऑफ अटार्नी करना चाहिए? और पावर ऑफ अटार्नी कितने प्रकार के होते हैं? और सबसे महत्वपूर्ण पावर ऑफ अटार्नी बनाते समय किन बातो को ध्यान में रखना चाहिए? पावर ऑफ अटार्नी का वैधता कितने दिनो तक होता हैं। यानी कि यदि आप इस पोस्ट को पुरा पढ लेंगे तो Power of Attorney से संबंधित कोई भी जानकारी आपको और कहीं से लेने की कोई जरुरत नहीं पडेंगा।
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पावर ऑफ एटॉर्नी क्या है
ऐशा प्रॉपर्टी जिसका आप मालिक है/ टाइटल धारी है और उस प्रॉपर्टी को आप किसी दूसरे व्यक्ति के हवाले कानूनी तरीका से इस प्रकार करते हैं कि आपका टाइटल धारी होते हुए दूसरा व्यक्ति उस प्रॉपर्टी को बेचने या किसी प्रकार का बदलाव करने का अधिकार प्राप्त करता है इसे ही कानूनी भाषा में Power of Attorney के नाम से जाना जाता है। जो व्यक्ति पावर ऑफ एटॉर्नी बनाता है उसे कानूनी भाषा में Principal कहा जाता है और जिसके नाम Power Of Attorney तैयार किया जाता हैं उसे कानूनी भाषा में Agent कहा जाता है।
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पावर ऑफ एटॉर्नी कब बनाया जाता है
पावर ऑफ एटॉर्नी कब बनाया जाएगा इसका सटीक जानकारी देना बहुत मुश्किल हैं क्योंकि सभी व्यक्ति का समस्या अलग-अलग होता हैं और अपना समस्या के हिसाब से सभी व्यक्ति उसका रास्ता निकालते हैं लेकिन यहाँ पर मैं कुछ सामान्य सा उदाहरण पेश कर रहा हूँ मान लेते हैं आपके नाम कोई जमीन है और आप उस जमीन को बेचना चाहते हैं और आप रजिस्ट्री ऑफिस तक जाने में सक्षम नहीं है तो ऐसे परिस्थिति में आप Power Of Attorney बना सकते हैं। इसी प्रकार यदी आपका खाता कोई बैंक में हैं और उसका संचालन आप करने में सक्षम नहीं है तो ऐसे भी परिस्थिति में आप Power Of Attorney बना सकते हैं। यदी आपका कोई मुकदमा कोर्ट में लंबित हैं तो ऐसे परिस्थिति में भी Power Of Attorney बनाया जा सकता है।
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पावर ऑफ एटॉर्नी कितने प्रकार के होते हैं
पावर ऑफ एटॉर्नी मुख्य रुप से दो प्रकार के होते हैं (1) General Power of Attorney (GPA) :- यदी आप किसी Agent को General Power Of Attorney बनाते हैं तो उस Agent का आपके संपूर्ण प्रॉपर्टी पर निर्णय लेने का अधिकार होगा। (2) Special Power Of Attorney (SPA) :- किसी खास कार्य करने के लिए special Power Of Attorney बनाया जाता है जैसे ही वह खास कार्य खत्म होगा वैसे ही Special Power Of Attorney स्वतः निरस्त हो जाएगा। इसका कुछ उदाहरण इस प्रकार हो सकता है कि आप किसी केस का पैरवी के लिए Special Power of Attorney बना सकते हैं। GPA काफ़ी खतरनाक है इसलिये आपको चाहिए कि SPA ही करें। अभी कलयुग के समय में कौन व्यक्ति इमानदार है और कौन व्यक्ति बेईमान यह निर्णय लेना काफी मुश्किल है फिर भी आप अपना विशवासी व्यक्ति के नाम ही पावर ऑफ एटॉर्नी करें।
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पावर ऑफ एटॉर्नी का वैधता
सामान्यतः Power of Attorney का वैधता तीन साल का होता हैं। एक बार Power of Attorney का वैधता खत्म हो जाने पर Principle इसे दोवारा उसी व्यक्ति के नाम फिर से Power of Attorney बना सकता है या फिर कोई दूसरा व्यक्ति के नाम से भी Power Of Attorney बना सकते हैं। Power of Attorney जिस दिन बनाया गया है उसके अगले दिन भी यदी Principal चाहे तोउस Power Of Attorney को रद्द कर सकता है। इतना ही नहीं यदी किसी कारणवश Principal पागल हो जाता है या अक्षम हो जाता है या मृत्यु हो जाता है तो ऐसे भी परिस्थिति में Power Of Attorney रद्द हो जाएगा। यदी Principal कोई ऐसा बिमारी से ग्रसित हो जाता है जिसके कारण वह सोचने/समझने/बोलने/सुनने का स्थिति में नहीं हो तो ऐसे भी परिस्थिति में Power Of Attorney रद्द हो जाएगा।
Power Of Attorney कैसे बनाये
Power Of Attorney बनाने के लिए आपको वो व्यक्ति को भी साथ में कोर्ट ले जाना होगा जिसके नाम आप Power Of Attorney बना रहे हैं। इसके अलावा आपको कम से कम दो गवाह को भी अपने साथ कोर्ट ले जाना होगा । आप जितने व्यक्ति कोर्ट जा रहे हैं सभी का आधार कार्ड भी साथ लेकर जाए। यदी किसी के पास आधार कार्ड नही है तो ऐसे परिस्थिति में आप उसका मतदाता पहचान पत्र या और कोई दूसरा प्रूफ लेकर जा सकते है। यहाँ पर एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जिसको गवाही के लिये ले जा रहे हैं वह व्यक्ति आपका विश्वासी व्यक्ति होने चाहिए ताकि भविष्य में आपको कोई परेशानी का सामना करना नहीं पड़े। Power Of Attorney कम से कम ₹500/- का Non-Judicial स्टाम्प पेपर पर ही बनाये।
Power Of Attorney बनाने में खर्च
Power of Attorney बनाने में कोई ज्यादा फिस का भुगतान नहीं करना पड़ता है। आपको Power Of Attorney बनाने में कितना पैसा खर्च होगा यह कई बात पर निर्भर करता है जैसे वकील का फिस स्टाम्प पेपर का फिस इत्यादि। सभी वकील का फिस अपना अपना होता हैं। कुछ वकील ज्यादा फिस लेते है वही कुछ वकील सिर्फ़ नाम मात्र का फिस लेते हैं। यदी वकील का फिस को छोड़ दे तो आप इतना जान लीजिये कि सिर्फ़ कागजी कार्रवाई में आपको लगभग ₹1000/- तक का खर्च आएगा। आप Power Of Attorney बनाने से पहले कोर्ट में वकील से उसका फिस का जानकारी ले सकते हैं। इसके बाद अगला चरण है Power Of Attorney को रजिस्टर्ड करना, लेकिन पावर ऑफ एटॉर्नी को रजिस्टर्ड करना अनिवार्य नहीं है फ़िर भी रजिस्टर्ड करवाते हैं तो ये ज्यादा अच्छा रहेगा।
Power Of Attorney बनाकर धोखाधड़ी
आप जिस व्यक्ति के नाम Power Of Attorney बनाते हैं और जिस कार्य को करने के लिए Power Of Attorney बनाए है यदी वह व्यक्ति उस कार्य का गलत फायदा उठा रहा है या फिर जिस उद्देश्य के लिये Power Of Attorney बनाया गया है उस कार्य को नहीं करके कोई ऐसा कार्य करता है जिससे आपको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से नुकसान होता है तो ऐसे परिस्थिति में आप उस व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 का मुकदमा दर्ज कर सकते। भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में सात वर्ष का कारावास व जुर्माना का प्रावधान हैं। यह अपराध समझौता करने योग्य भी हैं।
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