आजके इस पोस्ट में हमलोगों बात करेगें पुराना से पुराना जमीन का दाख़िल ख़ारिज कैसे करें? यदी आप जमीन का दाख़िल ख़ारिज नहीं करें तो क्या होगा? दाख़िल ख़ारिज क्या है और इसे क्यों करना चाहिए? जमीन खरीदने में जीतना ज्यादा पैसा लगता है उसी के समानान्तर रजिस्ट्री में भी लगता है तो ऐसे परिस्थिति में यदी जमीन का रजिस्ट्री नहीं करा के वसीयत करा लें तो इससे क्या नुकसान हो सकता है? ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में इस वीडियो में विस्तार से चर्चा किया गया है। यहाँ पर सबसे पहले आपको यह बात जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर जमीन का रजिस्ट्री के बाद दाख़िल ख़ारिज कराते क्यों हैं। चलिए सबसे पहले हमलोग बात कर लेते है कि दाख़िल ख़ारिज कराना क्यों जरुरी हैं। ( यह भी पढें:- जमा प्रॉपर्टी से अपना हिस्सा कैसे निकालें)
दाख़िल ख़ारिज क्या है
जब आप कोई जमीन खरीदते हैं और उसका रजिस्ट्री करवा लेते हैं तो सिर्फ रजिस्ट्री करवा लेने से आप उस जमीन का मालिकाना हक ग्रहण नहीं कर लेते हैं। रजिस्ट्री के बाद का प्रक्रिया होता हैं दाख़िल ख़ारिज का। रजिस्ट्री के बाद आपको दाख़िल ख़ारिज करवाना पड़ता है तो आपको निश्चित रूप से दाख़िल ख़ारिज करवा देना चाहिए। जब तक आप जमीन का दाखिला ख़ारिज नहीं करेगें तब तक उस जमीन का लगान रशीद निर्गत नहीं होगा। जमीन रजिस्ट्री के 90 दिन के भीतर ही आपको दाख़िल ख़ारिज करवा देना चाहिए। हालांकि 90 दिन के बाद भी आप दाख़िल ख़ारिज करवा सकते हैं लेकिन आपको ज्यादा परेशानी होगा। यदी आप कोई जमीन का दाख़िल ख़ारिज 90 दिन के बाद कराते हैं तो देरी से दाख़िल ख़ारिज कराने का वजह भी आपसे पुछा जाएगा। दाख़िल ख़ारिज आप अपना तहसील से करवा सकते हैं। जब आप दाख़िल दाख़िल कराते हैं तो उस प्रॉपर्टी का पहले का मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड से हटकर आपका नाम अंकित किया जाता है उसके बाद आप उस प्रॉपर्टी का सरकार के नजर में मालिक बन जाते हैं। ( यह भी पढ़े:- जमीन का रजिस्ट्री कैैंसिल करें)
दाख़िल ख़ारिज नहीं करने पर क्या होगा
यदी आप जमीन खरीदने के बाद सिर्फ रजिस्ट्री करवा लेते हैं और दाख़िल ख़ारिज नहीं कराते हैं तो सरकारी रिकार्ड यानी पंजी 2 में पहले वाला मालिक का नाम अंकित रहेगा जिसके कारण यदी उस जमीन का डिटेल्स से इंटरनेट पर सर्च करेगें तो पहले वाला मालिक का नाम आएगा। ऐसे परिस्थिति में हो सकता है कि पहले वाला मालिक उस प्रॉपर्टी को फ़िर से बेच दें। जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है उस जमीन मालिक से कैवाला का माॅग करता हैं सत्यापन के लिए। अभी 99% लोग केवाला का सत्यापन ऑनलाइन ही करते हैं ऐसे परिस्थिति में ऑनलाइन पहले वाला मालिक का नाम आएगा और पहले वाला मालिक उस प्रॉपर्टी को फ़िर से बेच देगा। ऐसे परिस्थिति में आप मुकदमाबाजी में फंस सकते हैं। दाख़िल ख़ारिज नहीं करने पर सबसे बड़ा नुकसान आपको यह भी हो सकता है कि यदी आप 90 दिन के बाद दाख़िल ख़ारिज के लिये आवेदन करेगें तो उस प्रॉपर्टी का पहले वाला मालिक को बुलाकर पुछ ताछ किया जाएगा तहसील कार्यालय में। साथ ही साथ आपको भी स्पष्टीकरण देने को कहा जाएगा कि दाख़िल ख़ारिज में इतना देरी क्यों हुआ। सभी प्रकार का जाॅच पड़ताल के बाद ही दाख़िल ख़ारिज किया जाएगा। इस तरह आप पुराना से पुराना जमीन रजिस्ट्री का भी दाख़िल ख़ारिज करा सकते हैं। ( यह भी पढ़े:- एक प्रॉपर्टी दो बार बेचा गया काानूनी उपाय)
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